Monday, February 11, 2019

काँच की गुड़िया


ऐसा हो कि तुम एक सपना देखो और उसमें देखो एक से ज़्यादा शैतानों को घसीट कर ले जाते हुये एक कांच सी गुड़िया।उस काँच सी गुड़िया के छिले हुये हाथों पाओं और बाहों को और काँच से बहते ख़ून को छिले ज़िस्म पर माँस के लोथड़ों को और फिर काँच सी गुड़िया के छन से टूटने की आवाज़ से अपनी आंखों को खोलो और वीभत्स सपने को तोड़ दो। और देखो आस पास बिखरे खून के निशानी गहरे धब्बों को काँच के किरच किरच टूटन को और फिर अपनी आंख मूंद लो चादर से ढाप लो खुद को सुबह काम पर जाने के लिये सोने का प्रयास करो....।।।

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